Monday, February 1, 2016

कलाकार


कलाकार  मरा  नहीं  करते  ,वो  जिंदा  करते  हैं  हर पल हमारा  वजूद
उनके  नगमे ,अंदाज़ , कुछ  गीत  ,कुछ  साज़  ,रहते  हैं  हरदम  मौजूद !!

जीते हैं अपने जिद्द में और छोर चले जाते हैं  राहों पर अपनी निशानियाँ 
चलते हैं बेख़ौफ़ कितने ही कारवां ,मिलती है कितनो को मनमाफिक दुनिया !!

मीठे नींद को ठुकरा वो जागते हैं सुनी रातों में भी रौशन करने हमारे दिल को 
हम जलाया करते हैं चिराग उन्ही के बनाये के रौशन करने अपने महफ़िल को !!

वो खुदा नहीं  हो पर खुदा की ओर जाने वाली राह  दिखा  ही देते हैं 
एक काफिर  इंसान को भी वो मेहरबान उस  खुदा का बना  ही देते हैं !!

आज ये चंद लफ्ज़ उन्ही के नाम  अपने कलम से लिख देता हूँ 
आज उनके एहसान मुझपे भी हैं उन्हें दिल-ओ -जान से कह देता हूँ !!

No comments:

Post a Comment

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब  आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...