Monday, October 1, 2012

तूफ़ान


तिनके  तिनके  बिखरे  गए  रात  तूफ़ान   में 
जो  उसने  बिने  थे  उस  आँगन  से ... 


सहमी  गौरैया  देख  रही  है  उन्हें  जलवान  बनते  ....

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मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब  आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...