Saturday, June 25, 2011

इत्तेफाकों में खो कर उसकी कहानी हो गयी!

मिट गया वो जिस पे तेरी मेहरबानी हो गयी
बेनाम था मगर अब उसकी भी कहानी हो गयी!!

उसकी इबादत को तो काफिर कह कर ठुकराया
उनकी जफ़ाओं की भी , दुनिया दीवानी हो गयी !!

मालूम है कि कागजों पर अब भी वो नाम होंगे
पर रेशमी रश्मों से ,गलियाँ वीरानी हो गयी !!

अब भी वहीँ है अल्हड़ , बस चाँद को ताकता है
अब बादलों की है साजिश , फिर बेईमानी हो गयी !!

चर्चे होते हैं अब भी हर महफ़िल हर सफ़र में
इत्तेफाकों में खो कर उसकी कहानी हो गयी!!

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