Saturday, May 14, 2011

सफ़र


हर मोड़ पर मिल जायेंगे
कदरदान तुझे
बस विश्वास का दिया जलाते रहना....

हर कोशिश में रहेगी
उनकी मेहेरबानी
बस प्रेम उनसे युहीं निभाते रहना ...

मुमकिन नहीं अकेले सफ़र हो जाए आसाँ
फ़रिश्ते आयेंगे राहों में
उन्हें हमसफ़र बनाते रहना ..

No comments:

Post a Comment

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब

मेरी जुस्तजू पर और सितम नहीं करिए अब बहुत चला सफ़र में,ज़रा आप भी चलिए अब  आसमानी उजाले में खो कर रूह से दूर न हो चलिए ,दिल के गलियारे में ...